ऑटोमेशन तकनीक क्या है? ऑटोमेशन तकनीक का अर्थ स्वचालन है यह एक तकनीक है। जिसमें किसी भी मशीन को फुल्ली ऑटोमेटिक बनाते हैं । बोले तो यह एक लेबर सेविंग टेक्नोलॉजी है । जिसमें किसी भी काम को करने के लिए कम से कम लोगों की जरूरत पड़ती है । उदाहरण के रूप में बोले तो किसी कंपनी में गिफ्ट पैकिंग होती है । और अगर हम गिफ्ट पैक करने के लिए किसी वर्क कर किया लेबर को रखते हैं। तो उसमें हमारा समय भी ज्यादा लगता हैं, गलतियां भी होती है, और लेबर या वर्कर को सैलरी भी देनी होती है लेकिन अगर हम इसी काम के लिए वर्कर की जगह मशीन का इस्तेमाल करेंगे तो समय की भी काफी बचत होगी और गलतियां भी नहीं होगी ना ही पैसा लगेगा।
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बिजनेस में क्यों ऑटोमेशन तकनीक की क्या जरूरत है

ऑटोमेशन तकनीक क्या है? बिजनेस के कई काम ऑटोमेशन तकनीक के जरिए किया जाता है जैसे :–
- अकाउंटिंग – इनवॉइससिंग = ऑटोमेशन के जरिए आप अपना समय बचा सकते हैं। जैसे आज बहुत सी ऑनलाइन इन वॉशिंग सर्विस उपलब्ध है जो बुकिंग स्टॉक जैसे पेमेंट रिमाइंडर स्टोरीबॉक्स सप्लाईज रियल टाइम फाइनेंसियल अलर्ट बैंक ट्रांसफर और यहां तक की टेक्स्ट फाइल करने जैसे कामों को ऑटोमेट करती है।
- डाटा बैकअप = आपको नहीं पता होता कि कब किस वायरस की वजह से आपका कंप्यूटर क्रैश हो जाए ऐसे मैं आपका डाटा डिलीट हो सकता है। जिससे आपको नुकसान हो सकता है हालांकि अब ऑनलाइन ड्राइव्स की मदद से आपकी समस्या का समाधान कर सकते हैं इन पर आप ऑटोमेटेड तरीके से अपना डाटा बिल्कुल सेव कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे रिकवर कर सकते हैं।
- स्टाफ का ड्यूटी चार्ट बनाना = आपको पता ही होगा कि स्टाफ का काम और उनकी उपलब्धि का हिसाब रखने में कितना वक्त लगता है इसलिए अब कुछ दोस्त की मदद से आप इस काम को ऑटोमेट कर सकते हैं । यह नए टूल्स खुद ही आपके पूरे स्टाफ की उपलब्धि का हिसाब रखता है और उनका शेड्यूल तय करता है।
- ईमेल मार्केटिंग = छोटे बिजनेस मालिकों को मेल बॉक्स में आने वाले हर मेल का जवाब देना पड़ता है। इसमें काफी समय लगता है हालांकि अब यह काम भी ऑनलाइन टूल्स की मदद से हो सकता है यह टूल्स आपके लिए वेलकम मैसेज क्लाइंट्स को बर्थडे विश करना या फिर कस्टमर्स को भी आदि ऑटोमेटिक ली कर सकता है इसके साथ आप बिजनेस एनालिटिक रिपोर्टिंग पैरोल कस्टमर सपोर्ट आदि जैसे काम भी ऑटोमेशन के जरिए कर सकते हैं।
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ऑटोमेशन तकनीक कितने प्रकार की होती हैं

ऑटोमेशन तकनीक तीन प्रकार की होती है :–
- प्रोग्रामेबल ऑटोमेशन = इसमें ऑपरेशन के इक्विपमेंट को प्रोग्राम की मदद से कंट्रोल किया जाता है । इसमें हम किसी भी कस्टमर के हिसाब से ऑटोमेशन बना सकते हैं। इसमें जो प्रोग्राममेबल ऑटोमेशन होता है वह फिक्स्ड ऑटोमेशन के तुलना में बहुत फ्लैक्सिबल होता है। लेकिन इसमें प्रोडक्शन की रेट भी बहुत कम होती है।
- फ्लैक्सिबल ऑटोमेशन = इसके अंतर्गत हम इक्विपमेंट को बदल भी सकते हैं और इक्विपमेंट को प्रोग्राम भी किया जा सकता है । जिस इंडस्ट्री में अलग-अलग प्रकार के डिजाइंस होते हैं वहां पर इसका ज्यादा उपयोग करते हैं । उदाहरण मैं बोले तो अगर किसी कस्टमर ने कहा कि हमें इस तरह का डिजाइन चाहिए । तो यह ऑटोमेटिक नीतू को बदलकर सारा काम कम समय में पूरा कर देगा लेकिन इसकी इन्वेस्टमेंट पोस्ट बहुत ज्यादा होती है।
- फिक्स्ड ऑटोमेशन = इसके अंतर्गत जो मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस होता है वह फिक्स्ड होता है । उदाहरण के लिए बोले तो जैसे अगर किसी कंपनी में शेर बाइक ही बनाए जाते हैं तो उसे हम फिक्स्ड ऑटोमेशन बोलते हैं इसमें इक्विपमेंट की वैल्यू बदली नहीं होती फिक्स्ड ऑटोमेशन में प्रोडक्शन रेट ज्यादा भी होती है और यह इनफ्लेक्सिबल है इसमें प्रारंभिक इन्वेस्टमेंट थोड़ा ज्यादा होता है । यह सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इस्तेमाल की जाती है।
ऑटोमेशन तकनीक के फायदे और नुकसान

*फायदे
- वर्कर की सेफ्टी बढ़ जाती है
- प्रोडक्ट की क्वालिटी और अच्छी होती है
- गलती के बिना ज्यादा और अच्छा सटीक काम कर सकते।
- इसकी मदद से कम समय में ज्यादा प्रोडक्ट बन सकते हैं।
*नुकसान
- इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह मनुष्य को बेरोजगार कर देता है। मशीनों के कार्य से मनुष्य बेरोजगार होते जा रहा है।
- इसका मेंटेनेंस भारी पड़ता है और बार-बार भी करना पड़ता है।
- इससे धरती पर प्रदूषण बढ़ेगा।
- ऑटोमेशन सेटअप को करने के लिए बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है।