blockchain तकनीक का अर्थ
एक तरह से जानकारी रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली blockchain है| जिससे सिस्टम को बदलना हैक करना या धोखा देना मुश्किल या असंभव सा हो जाता है एक ब्लॉक चैन अनिवार्य रूप से लेन-देन का एक डिजिटल बही खाता है जैसे ब्लॉकचेन पर कंप्यूटर सिस्टम के पूरे नेटवर्क में डुप्लीकेट और वितरित किया जाता है।
एक डिजिटल लेडजर् है और यह एक ऐसा इनकरप्टिबल डिजिटल लेक्चर ऑफ ट्रांजैक्शन है जो सभी चीजों को रिकॉर्ड करने के लिए प्रोग्राम्ड किया जाता है| सभी लिस्ट ऑफ रिकॉर्ड जो कि ब्लॉकचेन में होते हैं उन्हें ब्लॉक कहा जाता है इसलिए यह ब्लॉकचेन हमेशा कंटीन्यूअसली ग्रोइंग लिस्ट ऑफ रिकार्ड्स है जो कि लिंग और सिक्योर्ड होते हैं।
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blockchain टेक्नोलॉजी को इन्वेंट किसने किया है

इस blockchain टेक्नोलॉजी को सतोषी नकामोतो ने 2008 में किया था ताकि वह इसे बिटकॉइन में उसके पब्लिक ट्रांजैक्शन लेक्चर के हिसाब से कर सके यह सब करने के पीछे सतोषी नकामोटो का जो मुख्य उद्देश्य था कि वह decentralized Bitcoin ledger —- the blockchain-— बनाना चाहते थे ताकि लोगों को उनके पैसों को कंट्रोल करने की क्षमता आए जिससे कि दूसरी कोई भी थर्ड पार्टी या बोले तो गवर्नमेंट तक उनके पैसों को मॉनिटर या एक्सेस ना कर सके।
सतोषी नकामोतो अचानक ही 2011 में गायब हो जाते हैं और उनके पीछे इश्क ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को यूं ही छोड़ जाते हैं जिससे कि बिटकॉइन यूजर्स इस्तेमाल करें और उसे अपडेट करें और हो सके तो उसे और भी इंप्रूव कर सके| लोगों ने तो यह माना कि इस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं यह बस काल्पनिक है क्योंकि इसकी सत्यता को लेकर किसी के पास कोई सही जानकारी नहीं है।
blockchain के फायदे और नुकसान :-

*फायदे :-
- ऑनलाइन आईडेंटिटी और रेपुटेशन को डिसेंट्रलाइज्ड बनाता है जिससे कि हम अपने डाटा को खुद ही ले सकते हैं।
- ब्लॉकचेन मैनिपुलेशन की समस्या का समाधान करता है| यह सभी चीजों को उनके हाईएस्ट डिग्री ऑफ अकाउंटेबिलिटी के स्तर में लगाता है।
- यह ब्लॉकचेन हमारे स्मार्ट डिवाइस को एक दूसरे के साथ कम्युनिकेट करने में सहायता प्रदान करता है| जिससे कि वह बेहतर ढंग से बातचीत कर सकें।
- किसी इनफॉरमल इकोनामी में ब्लॉकचेन हमें मिडिलमैन से बचाता भी है| जिससे कि आसानी और सही ढंग से असेट का एक्सचेंज हो जाता है
क्रिटिसिज्म और चैलेंजेस :– वैसे तो इसके सबसे ज्यादा एडवांटेजेस ही है लेकिन फिर भी इसके भी कुछ कमियां है जिन के विषय में हम पढ़ते हैं
- बहुत पावर की जरूरत = इन ब्लॉकचेन के ऑपरेशन में बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर चाहिए होता है और इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत बहुत ज्यादा पड़ती है| अगर आज की परिस्थिति को देखें तो डेवलपिंग कंट्री के पक्ष में यह इतना आसान नहीं है क्योंकि उनकी खुद की भी कई सारी जरूरत है इसलिए यह केवल जो डिवेलप हो गई है उन्हीं कंट्री के लिए सही होता है।
- ट्रांजैक्शन की स्पीड = यह भी एक समस्या बन गई है क्योंकि हम जानते हैं चैन में ब्लॉग्स को वेरीफाई करना डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क से बहुत ही जरूरी है सिक्योरिटी के लिए ऐसा करने मैं बहुत ही समय लगाता है|
- प्राइवेट की सिक्योरिटी = यह प्राइवेट की को हमेशा सीक्रेट ही रखना चाहिए क्योंकि अगर इनके बारे में किसी थर्ड पार्टी या किसी अन्य व्यक्ति को पता चल गया तब यह ऐसी बात हो जाएगी कि आपने अपने सारे बिटकॉइन का कंट्रोल उस व्यक्ति के हाथ में दे देंगे| इसके अलावा भी प्राइवेट की को एकदम करके और बैठक करके ही रखना चाहिए एक्सीडेंट लीला से क्योंकि अगर यह एक बार खो गई तो इन फंड्स को कोई भी इंसान रिकवर नहीं कर सकता और यह हमेशा के लिए खो जाएगी।
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blockchain का भविष्य :-

कुछ मुख्य कारण है की ऑर्गेनाइजेशन इसके अगेंस्ट में है क्योंकि ब्लॉकचेन इंफॉर्मेशन को कैसे ऑर्गेनाइज करते हैं और हमारे रिकॉर्ड कीपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को कैसे मेंटेन करते हैं इन चीजों के पूरे और तक चले जाता है| इससे यह बात तो साफ है कि ब्लैक चैन टेक्नोलॉजी को लोग इतनी आसानी से ग्रहण नहीं करेंगे और यह रातों-रात तो आने वाला नहीं है क्योंकि यह हर कदम पर ट्रेडिशनल टेक्नोलॉजी को चुनौती देता |